मुन्ना भाई और सर्किट जोक्स २

मुन्नाभाईः अबे सर्किट, तुझे मैंने लिफाफे पर चिपकाने वाले टिकट खरीदने के लिए पैसे दिए थे, फिर पैसे वापस कैसे ले आया?
सर्किटः बॉस, तुम भी कहोगे कि अपुन के पास क्या माइंड है, कोई देख नहीं रहा था, इसलिए अपुन बिना टिकट लगाए लिफाफा लेटर बॉक्स में छोड़ आया।
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मुन्नाभाईः बापू.....बोले तो अपुन को आज कल एक प्राब्लम हो गएला है...
बापू :बोलो मुन्ना, दिल खोल के बोलो...
मुन्नाभाई: अपुन को आज कल ..... बोले तो ऑरकुट पर कोई स्क्रैप नहीं करता...
...साला सब लोग गायब हो गयेले हैं!!
बापू: ऐसे नहीं बोलते मुन्ना। मेरे पास इस का हल है. रास्ता मुश्किल है लेकिन जीत पक्की है.
मुन्ना भाई :जल्दी बोलो ना बापू, अगर तुमको कान्फीडेंस है तो अपुन ज़रुर करेगा।
बापू: तो सुनो..... तुम स्क्रैप करते रहो.... तब तक करते रहो.... जब तक तुम्हे कोई स्क्रैप नहीं करता.
कभी तो उनका ह्रदय परिवर्तन होगा. वो भी तुम्हे सक्रैप करेगा....

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