मेरी प्यारी पिंकी....
वेलेंटाइन बाबा के कसम.इ लभ लेटर मैं
सरसों के खेत से नहीं तुम्हारी मुहब्बत के टावर पर चढ़कर लिख रहा हूँ...डीह
बाबा काली माई के कसम आज तीन दिन से मोबाइल में टावरे नहीं पकड़ रहा था...ए
पिंकी. खीसियाना मत... मोहब्बत के दुश्मन खाली हमारे तुम्हारे बाउजी नहीं
यूनिनार आ एयरसेल वालें भी हैं..जब फोनवा नहीं मिलता है न रतिया को तो
मनवा करता है कि सड़की पर दउड़ दउड़ कर जान दे दें....अरे इन सबको आशिक़ों
के दुःख का क्या पता रे?.हम चार किलो चावल बेच के नाइट फ्री वाला पैक
डलवाये थे...लेकिन हाय रे वेलेंटाइन.. रोज डे निकस गया प्रपोज डे बीत गया आज
टेडी डे चला गया..हम तुमको हलो भी नहीं कह पाये।
कभी कभी तो मन तो करता है
की चार काठा खेत बेचकर एक दुआर पर टावर लगवा लें..आ रात भर तुमसे इलू इलू करें।
जानती हो आज रहल नही जा रहा था
एकदम..मनवा एतना लभेरिया गया है कि एकदम बेचैनी लेस दिया था...इधर बाऊजी
अलगे परसान किये हैं...माई अलगे नोकरी करने के लिए खिसिया रही है....कल आलू
में दवाई छिड़कना है.. मटर में पानी चलाना है..सांझी को गेंहू
पीसवाना है नाही तो माई बेलना से मारके सब बेलनटाइन निकास देगी... फेर चना के
खेत घूमना है.ईख भी पेरा रहा था..गुड़ बन रहा था...एकदम तुम्हारी बातों
जइसा मीठा...
तुमको पता है जब जब सरसो
का खेत देखता हूँ न तब तब तुम्हारी बहुते याद आती है..
लगता है तुम हंसते हुए दौड़कर
मेरे पास आ रही हो....मन करता है ये सरसों का फूल तोड़कर तुम्हारे जूड़े में
लगा दूँ..आ जोर से कहूं..."आई लव यू पिंकी"...
अरे अब गरीब लड़के कहाँ से सौ
रुपया का गुलाब खरीदेंगे?....जानती हो हवा एकदम फगुनहटा बह रही है... तुम
तो घर से निकलती नहीं हो....यहाँ मटर,चना जौ के पत्ते सरसरा रहे हैं...रहर
और लेतरी आपस में बतिया रहे हैं.....मन करता है खेत में ही तुम्हारा
दुपट्टा बिछाकर सो जाऊं आ सीधे होली के बिहान उठूँ....बाकी तुम्हारे उस
बाउजी के अमरिस पुरिया जइसन फेस देखकर ऐसा लगता है जैसे सरसो के खेत में
साँड़ घुस आया हो..मनवे बीजूक जाता है।
छोड़ो..उस दिन तो बबीतवा के बियाह
में तुम आई थी न..हम देखे थे..तुम केतना खुश थी...करिया सूट में एकदम
गुलाब जामुन जैसा लग रही थी...तुमको पता है तुमको देखकर हम दू घण्टा नागिन
डांस किये थे।
ए पिंकी अच्छे से रहना..अब
तुम्हारा 18
से
परीक्षा भी है....नीमन से पढ़ना..बाकी हम खिड़की पर
खड़े होकर नकल करवाने के लिये ज़िंदा हैं न....चिंता मत करना ..बस काका आ
विद्या का गाइड खरीद लेना....
इ खाली तुम्हारे इंटर का
परीक्षा नहीं पिंकी मेरे इश्क का इम्तेहान भी है।
अकलेस भाई आ मोलायम सिंग
के कसम कवन उड़ाका दल रोक लेगा रे नकल करने से।
बाकी सब ठीके है...रात दिन
तुम्हारी याद आती है.पागल का हाल हो गया है.....रहा नहीं जा रहा..अब खेती का
काम करके हमू जल्दी से दौड़ निकालेंगे ...तेरह को बनारस में भरती है.देखो
बरम बाबा का आशीर्वाद रहा तो मलेटरी में भरती होकर तुमसे जल्दी बियाह
करेंगे...
हम नहीं चाहते की तुम्हारा
बियाह किसी बीटेक्स वाले से हो जाए और हमको तुम्हारे बियाह में रो रोकर पूड़ी पत्तल
गिलास चलाना पड़े...
आई लभ जू रे पिंकी। .कल दू
बजे मातादीन रा के टिबुल पर आ जाना..आई मिस यू..एगो गाना गाने का मन कर रहल है।
"ए हो ब्यूटी के खजाना बाड़ू
लभ लेटर के पाना
मनवा लागे नाहीं जबसे
दीदार भइल बा
ए जान हो तोहरा से प्यार
भइल बा।।
तुम्हारे पियार में हमेशा
से पागल
मंटुआ